राम का दरबार, राम की गाथा, सबकी आँखें नम, चेहरा मौन है, राम का दरबार, राम की गाथा, सबकी आँखें नम, चेहरा मौन है,
अब ये मत पूछना कि क्या हुआ बस कल कुछ शेर शहीद हो गए। अब ये मत पूछना कि क्या हुआ बस कल कुछ शेर शहीद हो गए।
अपने गुजरे वक्त को जी रहे होते हैं, एक बचपन जो बीत गया एक बचपन जो बीत रहा है ! अपने गुजरे वक्त को जी रहे होते हैं, एक बचपन जो बीत गया एक बचपन जो बीत रहा...
मेरे सपनों का भारत , काश ! तीन सौ वर्ष पूर्व की गंगा सा पावन, निर्मल होता! मेरे सपनों का भारत , काश ! तीन सौ वर्ष पूर्व की गंगा सा पावन, निर्मल होता!
राम राम टें टें शायद राम का अर्थ वो नहीं जानता या नहीं जानता मैं। राम राम टें टें शायद राम का अर्थ वो नहीं जानता या नहीं जानता मैं।
कुछ जादू तो था उनमें भी बाकी भूल हमारी थी लूट लिया आखिर हमको ही उनकी चौकीदारी थी। कुछ जादू तो था उनमें भी बाकी भूल हमारी थी लूट लिया आखिर हमको ही उनकी चौकीदारी...